Friday, December 7, 2012

नीली स्लिव्लेश कुरते वाली


जब अचानक दिखी थी उसकी फोटो फेसबुक पर
बिछड़ने का जख्म कुछ पल को नरम पड़ गया था
नीली स्लीवलेश कुरते में मुस्कराती हुयी बड़े हो चुके बालों के बीच
उसकी हंसी अब भी उतनी ही बेगुनाह थी
अब भी उतनी ही मासूम थी उसकी हंसी
एक दुसरे की ख़ुशी के लिए
हम भीड़ बन गए एक दुसरे के लिए
पहली बार एक झूठ को
सच से भी ज्यादा अहमियत दिया था मैंने
पहले समझाया था खुद को
अब तो ये मानता भी हूँ की
मेरे बिना वो खुश होगी
और मैं खुश हूँ उसके बिना
पहली बार एक झूठ को
सच से भी ज्यादा अहमियत दिया है मैंने

No comments:

Post a Comment