Tuesday, January 27, 2015

याद तिहारी आये

याद तिहारी आये
दिन री दुपहरी रात अमावस
मनवा ठग संग ठाड़ अड़ा रे
नयन नीर भरा ना जाए
याद तिहारी आये ...............आये
हाये...............याद तिहारी आये
हंसी हिंचकोला , तोरा हंसी ठिठोला
मोसे भूला ना जाये ..हाये
याद तिहारी आये ...आये
याद तिहारी आये .....................
मनवा बैरी आस जगाये
हाये राम .....मोसे भूला ना जाये ...
हाये...............................
याद तिहारी आये .......
ओ री सखी , सजनी नादाँ
काहे मोपे ज़ुलम तू ढाये...हाये
हाये राम  .......................
मोसे प्राण तजा ना जाये ...ना जाये हाये
याद तिहारी आये ............

( In the darkest night of pain of your sweet memories I am alive  ) 

Tuesday, January 13, 2015

मुझे भुलाने का हुनर नहीं आता

एक रिश्ता रोज उगता है हथेली पर मेरे ,
रात टपकाती है जब यादों की ओस बूंद भर .
मुझे भुलाने का हुनर नहीं आता ,
न आता है कोई सकूनदार 
उठाने यादों की डस्टबिन मेरे घर , 
मेरे कमरे की दिवार में 
फ्यूचर की एक खिड़की हैं. 
इसी खिड़की पर मेरे यादों की डस्टबिन 
सजा रखा है मैंने गमले की तरह.
रात उगे इस रिश्ते को रोज सुबह बो देता हूँ
यादों की डस्टबिन में .
एक रिश्ता रोज उगता है हथेली पर मेरे ,
रात टपकाती है जब यादों की ओस बूंद भर .