Friday, February 13, 2015

ज़माने ने खूब प्यार दिया

ज़माने ने खूब प्यार दिया
ज़माने ने खूब प्यार दिया
मरने को मज़बूर किया,
कोई भी न दे सका
वो तड़प जीने की  ,
जो दिया यार ने मुझे ,
भुला के मुझे
जीने को मज़बूर किया ..
अबकी सावन बरसेगी शराब
होगा नशे में जमाना ,
हम होश में है लडख़ड़ायेंगे ,
यार की बेरुखी ने मज़बूर किया.
फैलते जा रहें हम अँधेरे की तरह
रोशनी गुमशुदा
गुमशुदा रोशन बाहें
हाय री किस्मत
किया है तूने बेदिल उनको
अल्बत रकीब ने है उनको मग़रूर किया

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